और
अपके मन के आत्क़िक स्वभाव
में नथे बनते जाओ।
और नथे मनुष्यत्व को पहिन लो , जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।।
इस कारण फूठ बोलना छोड़कर हर एक अपके पड़ोसी से सच बोले , क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
क्रोध तो करो , पर पाप मत करो: सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
और न शैतान को अवसर दो।
चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; बरन भले काम करने में अपके हाथोंसे परिश्र्म करे; इसलिथे कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
कोई गन्दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले , पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिथे उत्तम हो, ताकि उस से सुननेवालोंपर अनुग्रह हो।
और परमेश्वर के पवित्र आत्क़ा को शोकित मत करो , जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिथे छाप दी गई है।
सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध , और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
और एक दूसरे पर कृपाल , और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध झमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध झमा करो।।
और नथे मनुष्यत्व को पहिन लो , जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।।
इस कारण फूठ बोलना छोड़कर हर एक अपके पड़ोसी से सच बोले , क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
क्रोध तो करो , पर पाप मत करो: सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
और न शैतान को अवसर दो।
चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; बरन भले काम करने में अपके हाथोंसे परिश्र्म करे; इसलिथे कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।
कोई गन्दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले , पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिथे उत्तम हो, ताकि उस से सुननेवालोंपर अनुग्रह हो।
और परमेश्वर के पवित्र आत्क़ा को शोकित मत करो , जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिथे छाप दी गई है।
सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध , और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए।
और एक दूसरे पर कृपाल , और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध झमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध झमा करो।।
इसलिथे
प्रिय, बालकोंकी
नाई परमेश्वर के सदृश बनो।
और प्रेम में चलो ; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिथे अपके आप को सुखदायक सुगन्ध के लिथे परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया।
और जैसा पवित्र लागोंके योग्य है , वैसा तु में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो।
और न निर्लज्ज़ता , न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि थे बातें सोहती नहीं, बरन धन्यवाद ही सुना जाएं।
क्योंकि तुम यह जानते हो , कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजनेवाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं।
कोई तुम्हें व्यर्य बातोंसे धोखा न दे ; क्योंकि इन ही कामोंके कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने माननेवालोंपर भड़कता है।
इसलिथे तुम उन के सहभागी न हो।
और प्रेम में चलो ; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिथे अपके आप को सुखदायक सुगन्ध के लिथे परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया।
और जैसा पवित्र लागोंके योग्य है , वैसा तु में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो।
और न निर्लज्ज़ता , न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि थे बातें सोहती नहीं, बरन धन्यवाद ही सुना जाएं।
क्योंकि तुम यह जानते हो , कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजनेवाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं।
कोई तुम्हें व्यर्य बातोंसे धोखा न दे ; क्योंकि इन ही कामोंके कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने माननेवालोंपर भड़कता है।
इसलिथे तुम उन के सहभागी न हो।
और
मनुष्योंको प्रसन्न करनेवालोंकी
नाई दिखाने के लिथे सेवा न
करो, पर
मसीह के दासोंकी नाई मन से
परमेश्वर की इच्छा पर चलो।
और उस सेवा को मनुष्योंकी नहीं , परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्छा से करो।
और उस सेवा को मनुष्योंकी नहीं , परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्छा से करो।
क्योंकि
तुम जानते हो, कि
जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा,
चाहे दास
हो, चाहे
स्वतंत्र; प्रभु
से वैसा ही पाएगा।
विरोध
या फूठी बड़ाई के लिथे कुछ न
करो पर दीनता से एक दूसरे को
अपके से अच्छा समझो।
हर एक अपक्की ही हित की नहीं , बरन दूसरोंकी हित की भी चिन्ता करे।
जैसा मसीह यीशु का स्वभाव या वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
हर एक अपक्की ही हित की नहीं , बरन दूसरोंकी हित की भी चिन्ता करे।
जैसा मसीह यीशु का स्वभाव या वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
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